या सकीना या अब्बास या अबुल फज़लिल अब्बास की सदा से गूंजा कोपागंज

कोपागंजशिया समुदाय की तरफ से आयोजित 7वीं मोहर्रम का रजिस्टर्ड अलम का जुलूस सदर इमामबाड़ा फुलेल पूरा कोपागंज से बरामद हुआ और अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ पुराने कोपा गंजेशहीदा में दफ्न हुआ । आज 7 मोहर्रम के दिन सुबह से ही शिया समुदाय के घर घर से अलम निकलना शुरू हो जाता है और सारे अलम चौक न०1 फुलेल पूरा पे रखे जातेहैं। सबसे पहले चौक न०2 से अलम का जुलूस बरामद होता है और यह जुलूस चौक न०1 पहुचता है जहाँ शिया जामा मस्जिद के इमाम मौलाना हसन रज़ा साहब ने तक़रीर की ।

उन्होंने अपनी तक़रीर में कहा कि यह जुलूस कर्बला में मारे गये इमाम हुसैन अ.स. उनके साथी और घर वालों तथा उनके भाई मौला अब्बास की वफादारी एवं उनकी क़ुरबानी की याद में निकाला जाता है । कर्बला में यज़ीदी सिपाहियों की तरफ से 7 मोहर्रम को इमाम हुसैन के काफ़िले के लिए पानी बन्द कर दिया जाता है । इमाम हुसैन के काफ़िले में छोटे छोटे बच्चे थे जो प्यास से तड़पने लगे इन बच्चों की प्यास बुझाने के लिए इमाम हुसैन अपने भाई जनाब अब्बास को पानी लाने दरिया पर भेजते हैं मगर कई हज़ार की संख्या में यज़ीदी सिपाहियों ने एक अकेले और निहत्ते व्यक्ति जनाब अब्बास पर इस बे रहमी से हमला करते हैं कि उनके दोनों हाथ क़लम हो जाते हैं और उनकी लाश को टुकड़े टुकड़े कर देते हैं ।लखनऊ विश्वविद्द्यालय के शोधार्थी अली ज़फर ने हमें बताया कि कि दुनिया का पहला सबसे घातक आतंकवादी हमला कर्बला में हुआ । अगर उसी वक़्त इस हमले के खिलाफ लोग खड़े हो जाते तो आज दुनिया से आतंकवाद का नाम व निशान मिट जाता मगर अफ़सोस कि लोगों ने ज़ालिमों का साथ दिया और आज भी मुसलमानों का एक तबका उन ज़ालिम आतंकवादियों को क्लीनचिट देता है । इस जुलूस में नगर की अंजुमनों, अंजुमन हैदरी , अनुजुमन इमामिया रजिस्टर्ड, अंजुमन सज्जादिया, अंजुमन इमामिया क़दीम, अंजुमन हुसैनिया और अंजुमन जाफरिया ने अपने मखसूस अंदाज़ मेंनौहा पढ़ कर मौला अब्बास को श्रद्धांजली अर्पित की ।
सर को झुका के शाह ने ज़ैनब से ये कहा ।
अब्बास मर गया मेरा अब्बास मर गया ।।
ज़ैनब की थी दुहाई अब्बास तुम न आये ।
अब्बास तुम न आये अब्बास तुम न आये ।।
मौला हुसैन रोते हैं भाई की लाश पर ।
अब्बास मर गया मेरा अब टूट गई कमर।।

इस मौके पर मौलाना हसन रज़ा , मौलाना ज़ुहूरुल मुस्तफा, मौलाना शमशीर अली, मौलाना मो० तकी, मौलाना मुन्तज़िर मेहदी,सेठ अम्बर हुसैन, हाजी सक़लैन, असद रज़ा, सेठ ज़फरुल नकी, सक़लैन हैदर, रेयाज़ अस्करी, रेयाज़ हुसैन, अकबर अली, डा. सलमान हैदर, डा. कासिम हुसैन, हसनैन, शरिफुल हसन, अनीस जाफर, कर्रार अली, शबीहुल हसन, ज़फरुल हसन, जर्रार अली, शमीम मेहदी, कल्बे अब्बास, जमील असग़र गुड्डू, बाक़र रज़ा शिबू, हिफाज़त हुसैन, शाहिद रज़ा, शमशी, ज़ैगम अब्बास,दिलबर अब्बास नय्यर अब्बास, दानिश जाफरी इत्यादि लोग मौजूद रहे ।



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