493 वर्षों बाद रजत हि‍ंडोले में विराजेंगे रामलला

रामनगरी अयोध्या में शुक्रवार को रामलला चांदी के झूले में विराजेंगे। रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार हो गया है और सावन शुक्ल पंचमी यानी शुक्रवार (13 अगस्त) को वैकल्पिक गर्भगृह में उनका झूला पड़ेगा, जिस पर रामलला सहित चारों भाइयों का विग्रह स्थापित कर झुलाया जाएगा।

अयोध्या : रामलला का झूलनोत्सव सावन की पूॢणमा यानी 22 अगस्त तक चलेगा। रामलला को पहले से ही प्रत्येक वर्ष सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी से लेकर पूॢणमा तक झूले पर झुलाया जाता रहा है, किंतु वह झूला लकड़ी का था। इस बार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार कराया है। 21 किलो चांदी से बने झूले पर रामलला के विराजमान होते ही मंदिर में दिखेगी झूलन उत्सव की धूम दिखाई पडऩे लगेगी।

रामलला के दरबार 493 वर्ष बाद झूलन उत्सव की धूम देखने को मिलेगी। रामलला के लिए 21 किलो चांदी का 5 फुट ऊंचा झूला बनवाया गया है। श्रीराम तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी का झूला रामलला के लिए बनवाया गया है। इस झूलोत्सव की शुरुआत पंचमी से होगी। अयोध्या के सभी मंदिरों में तीज से ही झूलन उत्सव की शुरुआत हो जाती है, लेकिन राम मंदर में पंचमी से झूलन उत्सव की परंपरा है। श्रावण झूलोत्सव की परंपरा के तहत श्रीराम लला झूले पर पंचमी को विराजमान होते हैं। इस दौरान उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं।

रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा ने बताया कि पंचमी से राम मंदिर में झूलोत्सव मानया जाएगा। झूला मंदिर में पहुंच चुका है। पंचमी को रामलला अपने भाइयों के साथ झूले पर विराजमान होंगे। इसेक बाद पूरे विधि विधान से उनकी पूजा-अर्चना कर उत्सव की शुरुआत होगी।

21 किलो चांदी से बना झूला राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पूरे उत्साह से झूले को रामलला को समॢपत करने की तैयारी में हैं। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास के अनुसार रामलला सहित चारों भाइयों के विग्रह को झूले पर स्थापित किए जाने से पूर्व विशेष पूजन किया जाएगा। सनातन उपासना परंपरा और शास्त्रों के मर्मज्ञ जगद्गुरु रामानुजाचार्य डॉ. राघवाचार्य के अनुसार यह रामलला के गौरव की वापसी ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतीयता के गौरव की प्रतिष्ठा का क्षण है। आराध्य की प्रतिष्ठा के साथ समाज और देश की प्रतिष्ठा सुनिश्चित होती है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 21 किलो चांदी से झूला बनवाया है।



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