बोर्ड की मंजूरी मिली नहीं, उत्साह में लगा बनारस का बोर्ड

24 घंटे में बनारस फिर हुआ मंडुआडीह स्टेशन

वाराणसी। मंडुआडीह से बनारस बने स्टेशन को 24 घंटे भी नहीं हुआ कि एक बार फिर बनारस का बोर्ड हटाकर मंडुआडीह का बोर्ड लगा दिया गया। पूर्वोेत्तर रेलवे के अधिकारियों की नजर एक बार फिर रेलवे बोर्ड की ओर घुम गयी। मंडुआडीह स्टेशन का नाम बनारस होने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के डीआरएम वीके पंजीयार ने निरीक्षण कर स्टेशन पर लगे डिस्प्ले बोर्ड के साथ ही स्टेशन पर लगे बोर्ड व शिवगंगा स्पेशल टेकृन में भी आनन-फानन में बनारस लिखवाने का निर्देश दे दिया। और शनिवार को यह ट्रेन बकायदे बनारस नई दिल्ली के नाम से रवाना भी हो गयी। लेकिन इस निर्देश के 24 घंटे भी नहीं बीते कि बनारस का बोर्ड हटा लिया गया और पुनः मंडुआडीह का बोर्ड लगा दिया गया। सूत्रों की मानें तो रेलवे अधिकारियों ने अतिउत्साह दिखाते हुए रेलवे बोर्ड की भी अनदेखी कर दी। बनारस नाम पर मुहर प्रदेश के राज्यपाल की ओर से लगा देने के बाद रेलवे बोर्ड ने इस आशय का कोई पत्र पूर्वोत्तर रेलवे को जारी नहीं किया था। बावजूद इसके पूर्वोत्तर रेलवे के अध्किारियों ने ट्रेन की पट्टी से लगातय स्टेशन का नाम बदल दिया। रेलवे बोर्ड के आदेश आने तक मंडुआडीह स्टेशन का नाम यथावत रहेगा। आरक्षण पर भी अभी तक बनारस कोड नहीं लोड किया गया है। ट्रायॅल के रुप में स्टेशन के बोर्ड व ट्रेन पर बनारस लिखवाया गया था। जिसमें किसी भी तरह की त्रुटि नहीं दिखी। जल्द ही बनारस का बोर्ड व आरक्षण में बनारस का कोड अपलोड कर दिया जाएगा।



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