परिणाम से पूर्व ही नकलची परीक्षार्थियों के चेहरे से रौनक गायब


तहलका ब्यूरो

जीवन की किताबों पर बेशक नया कवर चढाईये।
पर बिखरे पन्नों को पहले प्यार से चिपकाइये।।


आजकल माहौल में लगातार गर्मी बढ रही है। इम्तिहान का दौर है कहीं सियासत के खिलाङी अनाङी बनकर सशंकित हैं तो कहीं छात्र ब्यवस्था से आतंकित है। सबके चेहरे पर हवाईया उङ रही है। सबके रिजल्ट का समय जैसे जैसे करीब आता जा रहा है वैसे ही वैसै तापमान मे गर्मी बढती जा रही है। हर तरफ मायूसी चेहरों से गायब है खुशी कोई ब्यवस्था पर आरोप लगा रहा है कोई बात कर रह है दकीयानूसी।सियासत में इम्तिहान का दौर चल रहा है शिक्षार्थियो के परीक्षा फल के आने का इन्तजार है । सबका बदला ब्यवहार है।

सभी जिन्दगी की जंग को जीतने की ख्वाहीशे पाल रखे हैं।
इस तरह की जिन्दगी में सारा झगङा ही ख्वाहीशों का है।
ना तो किसी को कम चाहीए
ना किसी को गम चाहीए।।


आने वाला वख्त बेरहमी से फैसले की इबारत लिख रहा है। किसी की आज तो कीसी का कल हर तरफ हलचल मुश्किल से कट रहा है पल पल। वादों की बिसात पर फरीयादो की सौगात को लेकर सियासतदार झोली फैलाये दर दर भटक रहे है । कल तक बादशाहीयत के आलम में अगङाई लेने वाले आज कल तपती दोपहरी में खेतों में मङाई कर रहे किसानो के पास पहुँच कर घिघिया रहे है ।ब्यवस्था के चाबूक से परेशान हाल विद्यार्थियों के चैहरो से रौनक गायब है। महज चन्द घन्टो में उनके भागय का फैसला होने वाला है।

नाराज है जिन्दगीं, नाराज है जिन्दगी।
बस जो है वो आज है जिन्दगी


उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद इस बार 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षाओं का रिजल्ट 20 अप्रैल को घोषित करने वाला है। बोर्ड अपनी आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर रिजल्ट घोषित करेगा। हालांकि बोर्ड की ओर से इसकी ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है.। वैसे इस बार साढ़े 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ऐसे भी होंगे, जिन्हें रिजल्ट से मायूसी ही हाथ लगेगी. ये वो स्टूडेंट्स हैं, जो या तो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए या जिन्होंने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी। दरअसल यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 का आगाज 7 फरवरी को हुआ था.। एक महीने से भी कम वक्त में सभी परीक्षाएं खत्म कर ली गईं. वहीं परीक्षाओं में इस बार नकल रोकने के लिए की गई सख्ती का असर भी साफ नजर आया.। 2018 की यूपी बोर्ड परीक्षा में जहां 12 लाख 26 हजार छात्र-छात्राओं ने परीक्षा छोड़ी थी, वहीं 2019 में ये संख्या 6 लाख, 52 हजार 881 हजार छात्र-छात्राएं रह गई.। इस साल प्रदेश के 8,354 परीक्षा केंद्रों पर 58,06,922 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। विभाग की मानें तो संख्या कम होने के पीछे बड़ी वजह यह रही कि जो नकल के भरोसे परीक्षा फॉर्म भरते थे, उन्होंने इस बार पंजीकरण ही नहीं कराया। माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार प्रदेश में 230 मूल्यांकन केंद्र निर्धारित किए गये।. इनमें से 118 केंद्रों पर हाईस्कूल और 100 केंद्रों पर इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन हुआ।. वहीं 12 ऐसे केंद्र बनाए गए, जहां हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों की कॉपियां जांची गईं.। हाईस्कूल की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 79064 और इंटरमीडिएट के लिए 45732 परीक्षक नियुक्त किए गए।. इस तरह मूल्याकंन में कुल 1,24,796 परीक्षक नियुक्त किए गए।

ब्यवस्था की चुस्ती से नाराज परीक्षार्थियों के दिल में सुलग रही आग से सियासत की झोपङी झुलस रही है छात्र तो मन मसोस कर अफसोस करते हुवे बिगङे माहौल की तरफदारी में नौकरी सरकारी की उम्मीद पाल रखे थे लेकीन जिस आस्था में रहे वो ब्यवस्था बदल गयी ।उनके सोच में मोच आ गयी अब उसका खामियाजा भुगत रहे है सत्ता के सियासतदार। आने वाले कलप की 23 म ई को सियासती रिजल्ट भी आ रहा है।वख्त मुस्करा रहा है ।इस आस उम्मीद के साथ की

खटखटाते रहीये दरवाजा एक दुसरे के मन का,
मुलाकातें ना सही आहटें आती रहनी चाहीए ।



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