जाने, बारिश के बाद किसान रखे कौन सी सावधानियां?


तहलका न्यूज़

मऊ सर्दी इस समय लोगों से लुका छिपी का खेल खेल रही है। जब भी लोगों को लगने लगता है कि सर्दी चली गई है तभी बारिश हो जाने के कारण गलन और बढ़ जाती है। रविवार सुबह से ही शुरू हुई बूंदाबांदी ने दोपहर तक अच्छी खासी बारिश का रूप ले लिया। बारिश हो जाने और हल्की हवा के कारण गलन बढ़ गई है।

तेजी के साथ मौसम बदलने के कारण लोगों को सर्दी, जुखाम बुखार जैसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। कुछ कृषि विशेषज्ञ जहाँ एक तरफ इस बारिश को गेहूं की फसलों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं, वहीं तैयार फसलों के लिए और फ्लावरिंग की अवस्था वाली फसलों के लिए नुकसानदायक भी बताया जा रहे हैं।

"तहलका न्यूज़" से बातचीत में कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि जब तक ओले नहीं गिरे थे तब तक फसलों को कोई खास नुकसान नहीं होगा। गेहूं की फसल में जहां दाने निकल रहे हैं, वहां बरसात के कारण नमी बढ़ने से फसल स्वस्थ और दानों का वजन बढ़ेगा। वहीं अगर तिलहन और दलहन की फसल तैयार हो चुकी है, तो भींगने के कारण उनका नुकसान होने की भी संभावना है।

उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि अगर तैयार दलहन और तिलहन की फसल भीग जाती है, तो शीघ्र ही उनके प्रसंस्करण का कार्य पूर्ण कर लें अन्यथा पैदावार को नुकसान हो पहुंच सकता है। साथ ही पीछे लगाई गईं फसलें, जो "फ्लावरिंग की अवस्था" में हैं, जैसे सरसों, मटर, चना आदि या सब्जियों पर बरसात के बाद लाही का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। इनसे बचने के लिए मौसम खुलने पर उन पर "इमिडाक्लोप्रिड" नामक कीटनाशक का छिड़काव कर देना चाहिए।



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