जबरन धन उगाही के मामले में चिकित्सा अधीक्षक के ऊपर मुकदमा दर्ज

मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक और उनकी पत्नी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने जबरन धन उगाही, मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न, धमकी देने का आरोप है। पुलिस ने यह मुकदमा भुजही स्थित मातृ शिशु कल्याण उप केंद्र पर तैनात एएनएम से जबरन धन उगाही, मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न, धमकी देने आदि के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया है।

दर्ज मुकदमे के अनुसार स्थानीय कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत भुजही प्रसव केंद्र पर तैनात एएनएम पूनम यादव ने आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उसकी तैनाती के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ दिनेश चंद्रा द्वारा प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को अपने आजमगढ़ स्थित नर्सिंग होम में भेजने और बच्चों को आईसीयू में भर्ती करने को लेकर आए दिन दबाव बनाया जाता था। इनकार करने पर पीड़िता के खिलाफ विभागीय कार्रवाई और नौकरी से निकलवा देने की धमकी दी जाती थी। उनकी बात न मानने पर जबरन हर महीने दस हजार की मांग की जाती थी। रुपए न देनेपर उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता था। पीड़िता ने प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के यहां गुहार लगाया लेकिन सुनवाई न होने पर कोर्ट का सहारा लिया।

न्यायालय में सुनवाई के बाद दर्ज हुआ मुकदमा

कोर्ट में उसने साक्ष्य के रूप में स्वयं और चिकित्सा अधीक्षक के बीच पैसे के लेन देन का ऑडियो टेप आदि प्रस्तुत किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किए जाने का आदेश पारित किया। कोर्ट के आदेश पर पूर्व अधीक्षक डॉ दिने चंद्रा, उनकी पत्नी व अन्य सहयोगियों पर जबरन धन उगाही, मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न, धमकी देने आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाली प्रभारी धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पूर्व अधीक्षक दिनेश चंद्रा व उसकी पत्नी तथा अन्य सहयोगियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जो वर्तमान में तड़ियाव सीएचसी कोपागंज में तैनात है। मामले की जांच की जा रही हैं।

सीएमओ ने क्या कहा?

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नन्द कुमार ने कहा कि डॉ दिनेश कुमार चंद्र चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट के पड़ पर टडियांव जो 100 बेड का मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल है उसमें तैनात है। यह मामला जनवरी-फरवरी 2023 का है। विभागीय स्तर पर जांच करने पर मामला सामने नहीं आया था।



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