जब हुये बेसहारा, तो चाइल्ड हेल्प डेस्क बना सहारा

• मिशन शक्ति के तहत चाइल्ड हेल्प डेस्क (सीएचडी) मऊ रेलवे जं. ने 83 बच्चों को दी है मदद

• अक्टूबर 2021 से अब तक 29 लड़कियों को मिली सहायता

मऊ, 12 मई 2022

जनपद के मऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बालक–बालिकाओं के लिए चाइल्ड हेल्प डेस्क (सीएचडी) की स्थापना की गई है। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत देश भर में काम कर रही स्वयंसेवी संस्था चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन के अंतर्गत जिलों में सेंटर कार्य कर रहे हैं। इसका मकसद है कि स्थानीय तौर पर बच्चों को उनकी समस्याओं से निकाला जा सके।

सीएचडी की कार्यकर्ता अर्चना ने लड़की का नाम न उजागर करते हुए बताया कि बीते दिनों 14 से 15 वर्ष के बीच की लड़की प्रिया (काल्पनिक नाम) पैसेंजर ट्रेन में बैठकर मऊ आ गई थी। प्रिया को अकेला देख शोहदे उसके पीछे पड़ गए। जिसकी जानकारी जीआरपी के जवानों और सीएचडी की महिला कार्यकर्ता को हुई, उन्होंने उस लड़की के पास जाकर पूंछताछ शुरू कर दी, जिसके बाद शोहदे भाग खड़े हुए।

उन्होंने प्रिया को सपोर्ट देकर जीआरपी पुलिस से हैंडओवर लिया। परिवार वालों को सूचना देकर उन्हें बुलाया गया। नाबालिग प्रिया को अगले दिन बाल कल्याण समिति की मजिस्ट्रेट/सदस्य कंचन तिवारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, उनके द्वारा प्रिया की काउंसलिंग की गई और लड़की के सहमति बनने पर उसके परिवार वालों को सौंपा गया।

अर्चना ने बताया कि अक्टूबर 2021 में स्थापित इस हेल्पडेस्क ने अब तक 83 बच्चों को सहायता देकर उनके परिजनों से मिलाया है और उनके चेहरे पर शुकून भरी मुस्कान लाई है। हेल्प डेस्क पर महिला पुरुष सहित 12 कार्यकर्ता तीन सिफ्ट में 24 घंटे 365 दिन लगातार कार्य करते हैं। कुल मिलाकर इस चाइल्ड हेल्प डेस्क का उद्देश्य है कि किसी भी समस्या या मुसीबत में फंसे बच्चों को सभी प्रकार की मदद पहुंचाना है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 24 घंटे बच्चों की मदद और काउंसिलिंग उपलब्ध कराती है। इसके लिए वित्त सहायता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इसके तहत हर बच्चे के लिए स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित होगा। चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जगह राष्ट्रीय आपात कालीन नंबर 112 पर आवश्कता पड़ने के समय सहायता के लिये कॉल किया जा सकता है। 1098 नंबर किसी परेशानी मुसीबत में फंसे बच्चों के लिए 24 घंटे काम करने वाला हेल्पलाइन नंबर है। देश में लगभग 135 रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क काम करते हैं। यह संस्था वैसे अनाथ और निराश्रित व स्कूल न जा सकने वाले गरीब बच्चों को भी मदद देती है।

बाल संरक्षण अधिकारी शिवानंद सिंह ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 24 घंटे बच्चों की मदद और काउंसिलिंग उपलब्ध कराती है। नाबालिक बच्चों की रजामंदी पर ही उनके परिवार को सुपुर्द किया जाता है, अगर बच्चे मना कर देते हैं तो उन्हें सरकार अपने पास रख कर उनकी काउंसलिंग करती है और आगे उनके परिवार से सामंजस्य बनने पर और बच्चे के सहमति होने पर परिवार वालों को कानूनी प्रक्रिया के तहत सौंप दिया जाता है।

इसके लिए वित्त सहायता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, अब तक केंद्र सरकार संकट में फंसे बच्चों के लिए नि:शुल्क आपातकालीन सहायता 1098 हेल्पलाइन को एनजीओ की मदद से संचालित कर रही है।



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