जानलेवा दवाएं, जो भारत में धड़ल्ले से बिकती हैं लेकिन विदेशों में प्रतिबंधित हैं

अमित त्रिपाठी

* तहलका न्यूज़ सदा अपने पाठकों के स्वास्थ्य, सुख एवं शान्ति की मनोकामना के साथ स्पष्ट, संवेदनशील और पारदर्शी पत्रकारिता करता रहा है। इस क्रम में आज का हमारा ये लेख आपके परिवार एवं शुभचिंतकों के स्वास्थ्य से सरोकार रखता है। आपको हमारा ये लेख अवश्य पढना चाहिए। भारत में चिकित्सा सेवाओं को लेकर आमूलचूल ढांचागत सुविधाओं की कमी जगजाहिर है। चिकित्सकीय परामर्श शुल्क बचाने के लिए या मात्र आलस्य के वशीभूत होकर भारतीय बिना चिकित्सक के परामर्श के मेडिकल काउंटरों से दवा लेकर खाने में के मामले में काफी आगे हैं। इस कारण भारतीय कई ऐसी दवाओं का भी नियमित रूप से सेवन करते हैं, जो विश्व के बाकी हिस्सों में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं। कोई भी दवा तब प्रतिबंधित की जाती है जब व्यक्ति के स्वास्थ्य को उससे होने वाली हानियां, उसके स्वास्थ्य लाभ से अधिक हो जाएं। साथ ही साथ दवा के कंपोजीशन को बदल कर उससे वाले होने वाले नुकसान को कम न किया जा सके। ऐसे ही कुछ दवाओं की सूची तहलका न्यूज़ आज आम जनमानस के हित के लिए लाया है। 1) Vicks हम सब ने सर्दी, जुखाम, खासी खरखराहट और नाक बंद के समय विक्स वेपोरब का प्रयोग जरूर किया होगा। उत्तरी अमेरिका और बहुत सारी यूरोपीय यूनियन के देशों में इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक अस्थमा जैसी बीमारियों को जन्म देने वाला बता कर दो से प्रतिबंधित किया डब्ल्यूएचओ मैं उसे विषाक्त पदार्थ के श्रेणी में रखा है। विक्स एक्शन-500 विज्ञापनों के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार की दवा के रूप में हम भारतीयों के बीच काफी प्रसिद्ध है। प्रतिबंध के कारण विभिन्न जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि विक्स के अंदर कुछ बेहद खतरनाक रसायन जिनका स्वास्थ्य पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विक्स एक्शन 500 पेरासिटामोल, फिनाइलफ्रिन और कैफीन के संयोग से बना है, जिसको स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एक नोटिस जारी करके प्रतिबंधित दवाओं के श्रेणी में रखा है।



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